आजादी की विरासत पर केंद्रित पुस्तक ”लड़ेंगे और जीतेंगे” का हुआ लोकार्पण
पटना: प्रगतिशील लेखक संघ पटना और भगत सिंह विचार मंच ने सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार शाही की पुस्तक ‘लड़ेंगे और जीतेंगे’ का लोकार्पण समारोह संयुक्त रूप से आयोजित किया। समारोह में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्ध लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मगध विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. कार्यानंद पासवान ने की, जबकि संचालन कवि चंद्रबिंद ने किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. कार्यानंद पासवान ने कहा, “यह पुस्तक गागर में सागर है। आज इस तरह की किताबों की जरूरत है, जो आजादी की विरासत और नैतिकता का संदेश दे। यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ प्रेरणा प्रदान करती है।”
सामाजिक कार्यकर्ता विश्वजीत ने स्वागत भाषण में पुस्तक को साहस और ऊर्जा का संचार करने वाला बताया और कहा कि समाज को ऐसे लोगों के बारे में जानने की जरूरत है जो प्रेरणा का स्रोत बनें। लेखक चितरंजन भारती ने इसे संघर्षरत लोगों की कहानी बताते हुए कहा कि इसमें समाज का नेतृत्व करने वाले लोगों के संघर्ष को सरलता से प्रस्तुत किया गया है।
शिक्षाविद अनिल कुमार ने पुस्तक को ‘अंधकार में एक सिंहनाद’ बताते हुए लेखक को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “यह पुस्तक इतिहास को वर्तमान से जोड़ते हुए सच बोलने की प्रेरणा देती है, खासकर युवाओं को इसे पढ़ना चाहिए।”
लेखक अभय पांडेय ने युवाओं से पुस्तक पढ़ने का आग्रह करते हुए लेखक के संघर्षशील जीवन को प्रेरणादायी बताया। पटना विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सुधीर ने इसे न्याय और समानता की सकारात्मक दिशा में एक प्रयास बताया। वहीं, प्रो. हर्षवर्धन ने कहा कि यह पुस्तक देश के लिए त्याग करने वालों की राह पर चलने के लिए प्रेरित करती है और अलख जगाती है।
पुस्तक के लेखक और शिक्षक राजकुमार शाही ने बताया कि छात्रों के बीच काम करते हुए उन्हें इस पुस्तक की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, “इस पुस्तक के माध्यम से मैंने सही विचारों को सामने लाने का प्रयास किया है।”
समारोह में देवरत्न प्रसाद, निखिल, डॉ. अंकित, अशोक कुमार सिन्हा, अनंत शर्मा, जितेंद्र कुमार, प्रमोद नंदन, कृष्ण मुरारी, संजय कुमार, डॉ. कृष्ण कुमार, चंद्रभूषण राय सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।