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संसद में रोहिंग्या मुद्दे पर फंसे जेपी नड्डा, संजय सिंह ने कर दी बोलती बंद

राज्यसभा में संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर पर बहस के दौरान एक आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला किया। संजय सिंह ने सत्ता पक्ष द्वारा बार-बार की जा रही टोका-टोकी पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस असम्मान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्होंने अपने विरोधी नेताओं को कड़ा जवाब दिया।

‘जेल’ शब्द पर गुस्से में संजय सिंह

इस बहस के दौरान जब संजय सिंह बोल रहे थे, तब सत्ता पक्ष से किसी ने ‘जेल’ शब्द का जिक्र किया। यह सुनते ही संजय सिंह का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने तीखे अंदाज में कहा, “जिस दिन केंद्र में सरकार बदलेगी, उस दिन एक भी सत्ता पक्ष का आदमी बाहर नहीं रहेगा।” यह बयान संसद में मौजूद सभी सांसदों के लिए चौंकाने वाला था और इससे संसद में तूफान खड़ा हो गया।

संजय सिंह ने कहा, “हम दिल्ली में चुनी हुई सरकार के कामकाज को बता रहे थे, लेकिन कुछ लोग क्यों इससे परेशान हो रहे हैं?” इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई, और बहस और भी तीव्र हो गई।

गौतम अडानी का नाम और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया, वीडियो देखे:

इसके बाद संजय सिंह ने गौतम अडानी का नाम भी लिया, जिसे लेकर सत्ता पक्ष की ओर से नाराज़गी जाहिर की गई। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष उनकी बातों को सुनने की बजाय उन पर तंज कसने की कोशिश कर रहा था। सत्ता पक्ष के नेताओं के अनुसार, संजय सिंह का गुस्सा अत्यधिक था, और जेपी नड्डा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संजय सिंह का बयान कार्यवाही से बाहर कर दिया जाना चाहिए।

रोहिंग्या मुद्दे पर गुस्से में संजय सिंह

इसके बाद, रोहिंग्या मुद्दे पर भी एक नया विवाद खड़ा हो गया। दिल्ली के वोटर लिस्ट से कुछ लोगों के नाम काटे जाने की मुद्दा संजय सिंह ने उठाया. इस पर जेपी नड्डा ने यह कहा कि यह जांचने के लिए किया जा रहा है कि कहीं बांगलादेशी और रोहिंग्या के वोट से सरकार तो नहीं बन रही है। इस बयान के बाद संजय सिंह और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। संजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में अधिकांश लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र से हैं, जिनके नाम काटे जा रहे हैं। उन्होंने जेपी नड्डा पर हमला बोलते हुए कहा, “आपकी हिम्मत कैसे हुई मेरे यूपी और बिहार के भाइयों को रोहिंग्या बोलने की?”

यह बयान संसद में एक गंभीर विवाद का कारण बना, क्योंकि संजय सिंह ने इसे केवल वोटर लिस्ट से जुड़े मुद्दे तक सीमित नहीं रखा, बल्कि सत्ता पक्ष पर साम्प्रदायिक राजनीति खेलने का आरोप भी लगाया।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान

संजय सिंह और सत्ता पक्ष के बीच यह बहस एक गंभीर राजनीतिक घटना बन गई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष जानबूझकर दिल्ली के लोगों को बदनाम कर रहा है और उनकी बातें सुनने की बजाय उन पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं। यह स्थिति राज्यसभा में एक गंभीर राजनीतिक घमासान का रूप ले चुकी थी। संजय सिंह ने यह भी कहा कि यह केवल राजनीति नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं से खेलने की साजिश है।

राज्यसभा में यह घटना सत्ता और विपक्ष के बीच एक बड़े टकराव का कारण बन गई। संजय सिंह ने जहां एक ओर दिल्ली सरकार के कामकाज गिनाये, वहीं केंद्र सरकार की नीतियों और नेताओं पर जमकर हमला किया।

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