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पटना में वर्किंग वूमेन हॉस्टल का जीर्णोद्धार, महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास की नई उम्मीद

पटना: कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुलभ आवास आज की जरूरत है, लेकिन इसे 60 के दशक में ही समाजसेवी शेफालिका सेन ने समझ लिया था। उनकी इसी दूरदर्शिता का परिणाम है राजेन्द्र नगर स्थित वर्किंग वूमेन हॉस्टल, जिसका चिंताहरण सोशल डेवलेपमेंट ट्रस्ट के सहयोग से जीर्णोद्धार कर उद्घाटन किया गया।

रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह और डॉ. विभा सिंह ने हॉस्टल के नए स्वरूप का उद्घाटन किया। इस मौके पर डॉ. सत्यजीत ने कहा, “शेफालिका सेन ने महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करने का जो सपना देखा था, वह आज पुनर्जीवित हो रहा है।”

डॉ. विभा सिंह ने शेफालिका सेन को याद करते हुए कहा, “डॉ. ए.के. सेन की तरह ही शेफालिका सेन ने भी समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस हॉस्टल के पुनर्निर्माण से अब जरूरतमंद महिलाएं सुरक्षित और सुविधाजनक आवास का लाभ उठा सकेंगी।”

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां

हॉस्टल के जीर्णोद्धार के लिए चिंताहरण सोशल डेवलेपमेंट ट्रस्ट ने आर्थिक सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर शेफालिका सेन की बहू और प्रसिद्ध बांग्ला कवि विश्वजीत सेन की पत्नी अजिता सेन ने अपनी सास को याद करते हुए कहा, “मां बहुत प्रगतिशील विचारधारा की महिला थीं। वह चाहती थीं कि महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता हासिल करें।”

इस कार्यक्रम में बिहार महिला समाज की कई प्रमुख हस्तियां, जैसे प्रो. सुशीला सहाय, निरंजना प्रसाद और निवेदिता झा, भी उपस्थित थीं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह 20 कमरों वाला हॉस्टल कामकाजी महिलाओं और सिंगल वूमेन के लिए एक सहारा बनेगा।

हॉस्टल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1960 के दशक में शेफालिका सेन ने इस हॉस्टल को कामकाजी महिलाओं के लिए बनाया था। इसमें 20 कमरे, एक समृद्ध लाइब्रेरी और रीडिंग रूम जैसी सुविधाएं थीं। हालांकि, कम शुल्क के कारण रखरखाव के लिए बाहरी आर्थिक सहायता की आवश्यकता थी, जो लंबे समय तक उपलब्ध नहीं हो पाई।

इस वर्ष डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में ट्रस्ट ने इस हॉस्टल को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी उठाई। हॉस्टल में बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाया गया है, जिससे यह फिर से महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक स्थान बन सके।

महिलाओं के लिए नई राह

उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं, जिन्होंने हॉस्टल के पुनरुद्धार को सराहा। यह हॉस्टल अब न केवल कामकाजी महिलाओं के लिए, बल्कि सिंगल वूमेन के लिए भी मददगार साबित होगा।

वर्किंग वूमेन हॉस्टल का यह नया स्वरूप शेफालिका सेन के उस सपने को साकार करेगा, जिसमें महिलाएं सुरक्षित रहकर अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

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