भितिहरवा गाँधी आश्रम से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जन जागरण अभियान का आगाज़
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा 10 जून, 2023 को गाँधी आश्रम, भितिहरवा (पश्चिम चंपारण) से ‛बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023’ में पंचायती राज संस्थानों द्वारा पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के लिए बिना शर्त राज्यकर्मी का प्रावधान करने की मांग को लेकर जन जागरण व हस्ताक्षर अभियान का आगाज़ किया गया।
गजेन्द्र कान्त शर्मा की रपट✍️
नरकटियागंज रेलवे स्टेशन। तारीख थी 9 जून, साल 2023। हू-हू करती गर्म हवाएँ, गर्द आसमान और चिलचिलाती धूप से दिन का रंग पीला था। स्टेशन के बाहर इक्के-दुक्के यात्रियों की आवाजाही थी और प्लेटफॉर्म पर हाथों में गेंदे की माला लिए शिक्षकों की गहमागहमी। रेलगाड़ी के आने का बेसब्र इंतज़ार…
आख़िरकार सीटी बजाती सप्तक्रांति एक्सप्रेस दोपहर तीन बजने से ठीक दो मिनट पहले नरकटियागंज स्टेशन पहुँची। शिक्षकों का इंतज़ार खत्म हुआ और वे एक अज़ीब उत्साह से भरे हुए एच-1 कोच की ओर भागे। डब्बे के दरवाजे पर जाकर शिक्षकों की टोली जम गयी। थोड़ी देर में डब्बे के भीतर से शायद ज़िंदगी के अस्सी वसंत को पीछे छोड़ आने की जद्दोजहद में तनिक आगे की ओर झुके हुए और शायद आदतन हरेक क़दम फूँक-फूँक कर बढ़ाने के कारण नज़रें डब्बे की फर्श की टोह लेती हुईं, धीमें क़दमों से दरवाज़े की ओर बढ़ते दिखलाई पड़े पूर्व सांसद व शिक्षक नेता शत्रुघ्न बाबू !
शत्रुघ्न बाबू ज़िंदाबाद, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ज़िंदाबाद, शिक्षक एकता ज़िंदाबाद आदि गगनभेदी नारों में स्टेशन का समूचा वातावरण डूब गया। रेलगाड़ी के पायदान पर पाँव धरकर शत्रुघ्न बाबू आहिस्ते-से प्लेटफॉर्म पर उतरे। उनके पीछे-पीछे रेलगाड़ी के डब्बे से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय, संयुक्त सचिव डॉ. अरुण कुमार यादव और एक युवा पत्रकार अभिषेक उतरे। पश्चिम चंपारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक प्रतिनिधियों ने शत्रुघ्न बाबू को और फिर अपने दूसरे नेताओं को विडंबनाओं के बीच फिर से हिचकोले खाती चंपारण की भूमि पर फूल की माला देकर स्वागत किया। गगनभेदी नारों के सिलसिले जारी थे। फिर शिक्षकों से घिरे शत्रुघ्न बाबू स्टेशन से बाहर आये और एक गाड़ी में सवार होकर गंतव्य की ओर रवाना हुए….
शाम के छः बजे थे। चंपारण के कुछ स्थानीय पत्रकार शत्रुघ्न बाबू से ‛बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023’ के विभिन्न पक्षों पर घंटा भर बातचीत करते रहे। तत्पश्चात पश्चिमी चंपारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सनाउल्लाह और राज्य कार्यसमिति सदस्य भारत कुमार झा के साथ बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव मंडल के सदस्यगण शत्रुघ्न बाबू के कक्ष में दाखिल हुए और लगभग आधा घंटा तक विचार-विमर्श हुआ। सचिव मंडल के सदस्यों की मीटिंग के उपरांत राज्य के विभिन्न जिलों से पहुँचे बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों की शत्रुघ्न बाबू से देर रात तक मुलाकातों का दौर चलता रहा…
तारीख़ 10 जून। यह आम तारीखों की तरह केवल एक तारीख़ नहीं है। इसकी एक अपनी तवारीख़ है। इसी 10 जून, 1917 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सत्याग्रह के दबाव में लगभग एक सदी से चली आ रही तीनकठिया प्रणाली और प्लांटरों का राज समाप्त करने की दिशा में चंपारण की कृषि स्थितियों की जाँच और उसका प्रतिवेदन देने निमित्त ब्रिटिश हुकूमत को एक जाँच समिति गठित करने पर मजबूर होना पड़ा था। उस जाँच समिति में महात्मा गाँधी को भी एक सदस्य रखना पड़ा था। इसी तारीख़ से नील किसानों की मुक्ति-गाथा का प्रारंभिक अध्याय लिखा जाता है। इसीलिए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने साल 2023 में शिक्षकों के माथे पर लगे नियोजनवाद के कलंक से मुक्ति की लड़ाई का आगाज़ 10 जून की ऐतिहासिक तारीख़ से करना तय किया।
10 जून, दिन के ग्यारह बज रहे थे। सूरज लगभग माथे पर चढ़ कर अग्निवर्षा कर रहा था। गाँधी आश्रम, भितिहरवा में शिक्षकों की भीड़ उमड़ी थी, उमंगों से भरे शिक्षकों की भीड़। सभी शिक्षक नेता पहले से मौज़ूद थे। शत्रुघ्न बाबू निर्धारित समय पर गाँधी आश्रम पहुँचे। शीघ्र ही वे शिक्षकों से घिर गये। फिर वे शांत व स्थिर मन से बापू की प्रतिमा की ओर अग्रसर हुए। शिक्षकों का दल उनके पीछे-पीछे बढ़ने लगा। शत्रुघ्न बाबू ने बापू के चरणों पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपना प्रणाम निवेदित किया। तत्पश्चात सभी शिक्षक नेता, आगंतुक नेता, अन्य शिक्षक संघों के समस्त नेतागण व सभी शिक्षकों ने बापू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बापू की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना-सभा की गयी जिसमें बापू का प्रिय भजन ‛वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे’ और ‛रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम’ का समवेत स्वर में गायन किया गया। प्रार्थना-सभा के उपरांत पश्चिम चंपारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सनाउल्लाह द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। राज्य कार्यसमिति सदस्य भारत कुमार झा ने मंचासीन शिक्षक नेताओं का स्वागत सम्मान किया। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 में आवश्यक संशोधन करने हेतु ‛जन जागरण अभियान व हस्ताक्षर अभियान के आगाज़’ कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन किया।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ‛बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023’ में आवश्यक संशोधन की मांग को लेकर सत्याग्रह के तीन चरण पूरा कर चुका था। अब राज्य सरकार के विरुद्ध गाँधी आश्रम, भितिहरवा से अपने चौथे चरण के सत्याग्रह आंदोलन का आगाज़ करने जा रहा था। राज्य भर के शिक्षकों में आंदोलन के इस आगाज़ को देखने-सुनने की उत्कंठा के मद्देनज़र ‛बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ (bsta official)’ के फेसबुक पेज से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा था। राज्य भर के शिक्षक इस कार्यक्रम से सीधे जुड़े थे। परंतु शिक्षकों में सबसे अधिक व्यग्रता थी अपने प्रिय नेता बाबू शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के आह्वान सुनने की।
अब शत्रुघ्न बाबू अपने शिक्षकों से मुख़ातिब थे। शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे मेरे दोस्तों का शोषण अब बर्दास्त नहीं होता। ज़िंदगी के अंतिम पड़ाव पर अब मेरी यही साध बची है कि अपने दोस्तों के लिए कुछ अच्छा कर सकूँ। अब तक शायद इसलिए जीवित हूँ कि अपने नियोजित दोस्तों को शोषण से मुक्ति दिला सकूँ। ऐसा कहते हुए बेहद भावुक हो गये थे वे। उनकी आवाज़ भर आयी थी, आंखें नम हो गयी थीं।
मुझसे मेरे दोस्तों का शोषण अब बर्दास्त नहीं होता। ज़िंदगी के अंतिम पड़ाव पर अब मेरी यही साध बची है कि अपने दोस्तों के लिए कुछ अच्छा कर सकूँ। अबतक शायद इसलिए जीवित हूँ कि अपने नियोजित दोस्तों को शोषण से मुक्ति दिला सकूँ।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
थोड़ी देर के लिए आसमान पर नज़रें टिकायीं और फिर कहा कि हम यहाँ बापू के चरणों पर पुष्पांजलि अर्पित करने इसलिए आये हैं कि चंपारण की इसी धरती पर आकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने किसान-मजदूर वर्ग की देह से नील का दाग़ छुड़ाया था, हम शिक्षकों के माथे पर लगे नियोजन का कलंक धोना चाहते हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने किसान – मजदूर वर्ग की देह से नील का दाग़ छुड़ाया था, हम शिक्षकों के माथे पर लगे नियोजन का कलंक धोना चाहते हैं।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शत्रुघ्न बाबू ने राज्य के सभी चार लाख शिक्षकों का आह्वान किया कि नियोजनवाद के विरुद्ध लड़ाई में एकजुट हो जायें। प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक के सभी शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक एक साथ मिलकर इस लड़ाई को अंजाम तक पहुँचायें क्योंकि सबकी मांगें एक है। सभी शिक्षक संगठनों से अपील की कि अपना नेतृत्व, अपना झंडा अपने पास रखें, परंतु शिक्षकों की लड़ाई एकसाथ मिलकर लड़ें। उन्होंने कहा कि मैं किसी शिक्षक संगठन की कभी आलोचना नहीं करता। केवल सबसे निवेदन करता हूँ कि शिक्षक हित की लड़ाई में सब साथ हो जाएँ। जो शिक्षक नेता या संगठन आम शिक्षक की भलाई की लड़ाई में पीछे रह जायेंगे, उनकी अस्मिता पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा और आम शिक्षक उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे। उन्होंने राज्य के सभी शिक्षकों और शिक्षक संगठनों को संबोधित करते हुए यह नारा दिया कि ‛एक मात्र है मांग हमारी, सभी शिक्षकों को करो सरकारी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए शत्रुघ्न बाबू ने कहा कि भारत के संविधान की धारा – 19 पर बिहार सरकार ने हमला कर लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने का नापाक प्रयास किया है, हम उसे विफल करके ही दम लेंगे। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं। वे शिक्षकों की परीक्षा लेना चाहते हैं, हम भी जनता के बीच उनकी परीक्षा लेंगे। हम बिहार लोक सेवा आयोग का आवेदन नहीं भरेंगे। हमारे शिक्षक बिहार के पैतालीस हजार एक सौ तीन गाँवों में जायेंगे, नगर पंचायतों, नगर परिषदों, जिला परिषदों के जन प्रतिनिधियों के पास जाएंगे, सांसदों व विधायकों के पास जायेंगे और पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान में नियुक्त शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को सरकार की घनघोर उपेक्षा के विरुद्ध बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए समाज के प्रत्येक स्तर के जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त करेंगे। अब तक सौ से भी अधिक विधायकों का समर्थन-पत्र हमारे पास आ चुका है। उन्होंने कहा कि हम भी नागरिक हैं, हम भी मतदाता हैं। हम अपना हक़ मांग रहे हैं और हक़ मांगना कहीं से भी बगावत नहीं है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं। वे शिक्षकों की परीक्षा लेना चाहते हैं, हम भी जनता के बीच उनकी परीक्षा लेंगे।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शत्रुघ्न बाबू ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नसीहतें देते हुए कहा कि शिक्षकों को तेजस्वी यादव से काफ़ी उम्मीदें थीं, तेजस्वी के आश्वासन पर शिक्षकों ने काफ़ी अरमान सजाये थे, परंतु तेजस्वी का आश्वासन बांझ निकला। शिक्षकों के साथ वादाख़िलाफ़ी तेजस्वी को महंगी पड़ेगी। समय रहते तेजस्वी सचेत हो जायें और शिक्षकों से किये वादे पूरा करें। शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दें और आंदोलन पर जाने से शिक्षकों को रोक लें। हमने अब तक बच्चों की पढ़ाई नहीं रोकी है, स्कूलों में ताला नहीं लगाया है। सरकार अगर हमारी मांगों के प्रति संवेदनशील नहीं होगी तो हम भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। स्कूलों में तालाबंदी भी होगी और हम अपनी कुर्बानी भी देंगे। ग्रीष्मावकाश के बाद विधानमंडल के सत्र के दौरान हम विधानमंडल का घेराव करेंगे। सरकार अगर घेराव की अनुमति नहीं देगी, तब भी हम पटना को चारों तरफ़ से घेरेंगे और पटना की सड़कों पर विराट परंतु अहिंसक प्रदर्शन करेंगे। सरकार का अब काम रह गया है जनता के लिए लौह द्वार बनाना, हमारा अपना काम है कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना…
शिक्षकों को तेजस्वी यादव से काफ़ी उम्मीदें थीं। तेजस्वी के आश्वासन पर शिक्षकों ने काफ़ी अरमान सजाये थे, परंतु तेजस्वी का आश्वासन बांझ निकला।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
शिक्षक एकता ज़िंदाबाद, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ज़िंदाबाद, राज्यकर्मी का दर्ज़ा देना होगा आदि नारे बुलंद करने के साथ शत्रुघ्न बाबू ने अपनी बातें खत्म कीं। तत्पश्चात पश्चिम चंपारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से भाकपा ‛माले’ के विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमारी पार्टी महागठबंधन के हिस्सा होने के बावजूद शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने का भरपूर समर्थन करती है। हम आपके संघर्षों में हर तरह से साथ हैं। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेता आनंद कौशल ने कहा कि हम बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के साथ मिलकर लड़ेंगे और राज्यकर्मी का दर्जा हासिल करने में अवश्य क़ामयाब होंगे। परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के नेता वंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षक हित में मजबूत संघर्ष करने की जरूरत जतायी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा प्रख्यापित नियमावली के कुछ प्रावधानों से एक-एक शिक्षक मर्माहत हैं। इन प्रावधानों के जरिये पंद्रह वर्षों से भी अधिक समय से कार्यरत शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ है। शिक्षक इस अन्याय से आंदोलित हैं। सरकार से हम लगातार बातचीत करने का अनुरोध करते रहे हैं, परंतु सरकार की हमसे बातचीत करने के प्रति उदासीनता ने हमें संघर्ष के लिए विवश कर दिया है। हमारा संघर्ष सरकार के लिए निश्चित तौर पर नुकसानदेह साबित होगा। हम आज से जनजागरण और हस्ताक्षर अभियान चलाकर जनता को अपने पक्ष में लामबंद करेंगे।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने पश्चिम चंपारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सनाउल्लाह, राज्य कार्यकारिणी सदस्य भारत कुमार झा एवं उनके समस्त सहयोगी साथियों को विशेष धन्यवाद दिया। राज्य के अन्य जिलों से आये बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों, अन्य शिक्षक संगठनों के मौजूद प्रतिनिधियों, जन प्रतिनिधियों, पुस्तकालयाध्यक्षों, पत्रकार बंधुओं एवं कार्यक्रम के सीधे प्रसारण से जुड़े बिहार के सभी शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया। अंत में राष्ट्रगान ‛जन-गण-मन अधिनायक जय हे’ का समवेत गायन कर सभा का समापन हुआ।