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शिक्षा विभाग का आदेश शिक्षकों के मौलिक अधिकार का हनन करने वाला है – शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

शिक्षकों को डरा धमका कर उसके मौलिक अधिकार को नहीं छीना जा सकता है। सरकार के इस आदेश से आंदोलन में और तीव्रता आएगी।सरकार तत्काल प्रभाव से शिक्षा विभाग के द्वारा जारी संविधान विरोधी आदेश को वापस करें।

बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली 2023 का शिक्षकों के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। शिक्षा विभाग नई नियमावली के तहत बीपीएससी से एग्जाम लेने की तैयारी में है। इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर यह आदेश दिया है कि जो भी शिक्षक धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाय।

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शिक्षा विभाग के आदेश पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। द आजादी से बात करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह है कहा कि शिक्षा विभाग का यह आदेश शिक्षकों मौलिक अधिकार का हनन करने वाला है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 में देश के प्रत्येक नागरिक को संगठन बनाने और अपने सदस्यों के हितों की रक्षा करने के लिए शांति पूर्वक सत्याग्रह, धरना, प्रदर्शन करने का मौलिक अधिकार है।

उन्होंने कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का विश्वास शांतिपूर्वक अहिंसक आंदोलन में हमेशा से रहा है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि बिहार में शिक्षक उनके अमोघ अस्त्र अहिंसा एवं सत्याग्रह रूपी हथियार का इस्तेमाल करते हैं। सरकार द्वारा धनात्मक कार्रवाई के आदेश उनकी मौलिक अधिकार का हनन है।

आगे उन्हौने कहा कि शिक्षकों को डरा धमका कर उसके मौलिक अधिकार को नहीं छीना जा सकता है। सरकार के इस आदेश से आंदोलन में और तीव्रता आएगी। उन्होंने कहा कि तानाशाही भरा यह फरमान शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे शिक्षकों को भड़काने वाला है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मांग करता है कि बिना शर्त सभी शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाय। इससे शिक्षा में और बेहतरी लाई जा सकती है। डराने धमकाने से और भी लड़ाई तेज होगी और उससे उत्पन्न गंभीर समस्या की सारी जवाबदेही सरकार की होगी। इसीलिए सरकार तत्काल प्रभाव से शिक्षा विभाग के द्वारा जारी संविधान विरोधी आदेश को वापस करें।
उन्होंने कहा कि सरकार के डराने और धमकाने से शिक्षकों का आंदोलन बंद नहीं होगा । पूर्व निर्धारित आगामी 20 मई को प्रमंडलीय मुख्यालय में प्रदर्शन एवं 22 मई को जिला मुख्यालय में धरना और जुलाई माह में विधानमंडल के सामने प्रदर्शन तथा माननीय मंत्री, विधायकों के आवास पर ‘घेरा डालो डेरा डालो’ कार्यक्रम किया जाएगा। जब तक शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया जाता तब तक माध्यमिक शिक्षक संघ संघर्ष जारी रखेगा

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