सीपीआई नेता अतुल अंजान की तबीयत में सुधार से आशा का संचार
लखनऊ: सीपीआई नेता अतुल अंजान की तबीयत में सुधार की खबर है। सोमवार को लखनऊ के गोमती नगर स्थित में मेयो अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। जहाँ तवियत में थोड़ी सुधर से आशा जगी है। वे लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इससे पहले उनका इलाज दिल्ली स्थित एम्स में चल रही थी। सोमवार को दिल्ली से लखनऊ लाया गया। गुरुवार को लखनऊ पहुंचे सीपीआई के महासचिव डी राजा ने उनसे मुलाकात की है। खबर है कि अस्पताल में दोनों नेता (अतुल अनजान और डी राजा) के बीच कुछ देर बातचीत भी हुई है। मुलाकात के बाद डी राजा ने समाचार एजेंसी एऐनआई से बातचीत में अतुल अंजान की तबीयत में सुधार की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि उनके स्वास्थ्य की अस्थिर अवस्था में सुधार देखकर नई आशा का संचार हुआ है। मेयो अस्पताल की प्रमुख डॉ मुधलिका का भी कहना है कि ‘ अतुल अंजान की तबीयत थोड़ी सुधार के बाद स्थिर है। डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है।
अतुल अंजान की तवियत खराब होने की खबर सुनकर देशभर से पार्टी नेताओ के लखनऊ आने का सिलसिला जारी है। पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों के बीच काफी मायूसी है। लोग सोशल मीडिया पर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भरा पोस्ट कर रहे हैं। उनको देखने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं की टीम लखनऊ में मौजूद है। सीपीआई बिहार राज्य सचिव रामनरेश पांडे अपने राज्य के नेतृत्वकारी साथी के साथ वहां मौजूद हैं। बिहार सीपीआई नेता रामबाबू कुमार, जितेंद्र कुमार एवं पूर्व विधान पार्षद संजय यादव वहां मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश के के राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप भी अपने लोगों साथ वहां मौजूद हैं।
अतुल अंजान (Atul Anjan) जाने माने कम्युनिस्ट नेता हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के महासचिव पद पर हैं। अतुल अंजान ने किसानों के लिए बनी स्वामीनाथन आयोग के सदस्य भी रहे हैं। भारत के लोगों के बीच उनकी पहचान निर्भीक और बेबाक वक्ता के रूप में है। उन्होंने अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत छात्र आंदोलन से किया था। वे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और बाद में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। वे लंबे समय तक लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे।