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बिहार महिला समाज ने CM नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर उठाए सवाल

बिहार महिला समाज ने नीतीश कुमार की 'महिला संवाद यात्रा' को बताया राजनीतिक स्टंट

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आगामी “महिला संवाद यात्रा” पर बिहार महिला समाज ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे महिलाओं के मुद्दों से भटकाने और सरकारी धन के दुरुपयोग का प्रयास बताया। महिला समाज ने पटना जिला अतिथि गृह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह आरोप लगाए। उन्होंने मुख्यमंत्री की इस यात्रा को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया और महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।


महिला सुरक्षा और हिंसा पर चिंता

महिला समाज की अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा कि बिहार में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए Mahila Samvad Yatra का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2022 तक राज्य में महिला हिंसा के 22,000 से अधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें बलात्कार और हत्या के मामले प्रमुख हैं। उन्होंने पटना के आसरा गृह में विषाक्त भोजन से बच्चियों की मौत और Muzaffarpur Shelter Home जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है।


प्रमुख मांगें:

बिहार महिला समाज ने सरकार से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की:

  1. आर्थिक सहायता: गरीब, एकल और जरूरतमंद महिलाओं को हर महीने ₹5,000 का मानदेय दिया जाए।
  1. स्वास्थ्य और सुरक्षा:
    महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बजट बढ़ाया जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर न्याय प्रक्रिया तेज की जाए।
  2. रोजगार:
    महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएं और न्यूनतम मजदूरी दर में वृद्धि की जाए।
  3. योजनाओं की मांग:
    पश्चिम बंगाल की Lakshmi Bhandar Yojana, झारखंड की Maiya Samman Yojana, और मध्य प्रदेश की Ladli Behna Yojana की तर्ज पर बिहार में भी ऐसी योजनाएं लागू की जाएं।

महिला आरक्षण पर भाजपा की नीतियों की आलोचना

महिला आरक्षण पर भाजपा की कथित “चालबाजियों” की निंदा करते हुए संगठन ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से संसद और अन्य राजनीतिक मंचों पर इस मुद्दे पर मुखर रुख अपनाने की अपील की।

निवेदिता झा ने कहा, “महिलाएं अब केवल वादों पर भरोसा नहीं करेंगी। नीतीश कुमार को चाहिए कि वे पहले अपनी पिछली घोषणाओं का हिसाब दें और महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाएं। इस मौके पर संगठन की अन्य नेत्रियां, रिंकू कुमारी, कृष्णा देवी और सुधा अंबष्ठ ने भी अपनी बात रखी और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।

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